नई
दिल्ली : धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के दिशानिर्देशों के
उल्लंघन के लिए विश्व बैंक ने अपने दो भारतीय कंपनियों को प्रतिबंधित किया है।प्रतिबंध के बाद ये दोनों कंपनियां विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित किसी भी
परियोजना में कुछ निश्चित अवधि के लिए भागीदारी की पात्र नहीं होंगी।
विश्व बैंक की ताजा सूचना के अनुसार नोएडा स्थित सेवियर सॉफ्ट साल्यूशंस
प्रा लि और कटक के एक व्यक्ति लक्ष्मीनारायण मित्तल को विश्व बैंक द्वारा
वित्तपोषित किसी भी अनुबंध में भाग लेने से रोक दिया गया है। सेवियर सॉफ्ट
साल्यूशंस पर प्रतिबंध 19 मार्च, 2014 से चार वष्रा के लिए होगा। विश्व
बैंक के अनुसार लक्ष्मी नारायण कंस्ट्रक्शन अथवा लक्ष्मीनारायण कंस्ट्रक्शन
नाम के तहत व्यवसाय करने वाले मलिक को 25 मार्च से तीन साल के लिए
प्रतिबंधित किया गया है। इस मसले पर सेवियर साफ्ट को भेजे गए सवालांे का
जवाब नहीं मिला, जबकि मलिक से संपर्क नहीं हो पाया। यह प्रतिबंध इन
इकाइयों पर विश्वबैंक के खरीद दिशानिर्देश अथवा परामर्शक दिशानिर्देश में
निर्धारित धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार नीति के तहत लगाया गया है। सेवियर साफ्ट
पर रोक परामर्शक मानदंड के संदर्भ में है जबकि मलिक पर प्रतिबंध खरीद
दिशानिर्देश से संबंधित है।
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